MP: पक्ष-विपक्ष के मुद्दों से गर्म रहेगा विधानसभा सरकार (Kamalnath Government) को घेरने के लिए विपक्ष (opposition) ने रणनीति तैयार की है, तो सत्ता पक्ष भी अपनी तरफ से कमर कसे हुए है. - The Sanskar News

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Saturday, December 14, 2019

MP: पक्ष-विपक्ष के मुद्दों से गर्म रहेगा विधानसभा सरकार (Kamalnath Government) को घेरने के लिए विपक्ष (opposition) ने रणनीति तैयार की है, तो सत्ता पक्ष भी अपनी तरफ से कमर कसे हुए है.

MP: पक्ष-विपक्ष के मुद्दों से गर्म रहेगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, छोटे सत्र में ये होंगे बड़े मुद्दे

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सड़कों पर मचे सियासी घमासान के बाद अब विधानसभा (Assembly) में पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होंगे. सरकार (Kamalnath Government) को घेरने के लिए विपक्ष (opposition) ने रणनीति तैयार की है, तो सत्ता पक्ष भी अपनी तरफ से कमर कसे हुए है.

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का शीतकालीन सत्र (winter session) इस बार खासा गरम रहने के आसार है. पांच बैठकों वाले सत्र में सरकार (Kamalnath Government) को घेरने के लिए बीजेपी (BJP) के पास मुद्दों की भरमार है. वहीं, अपना एक साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर शुरू हो रहे सत्र पर विपक्ष के सवालों के जवाब के लिए कांग्रेस (Congress) ने भी खास प्लान तैयार कर लिया है. विधानसभा का यह शीत सत्र भले छोटा हो, लेकिन इसमें बड़े मुद्दों के जरिए विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा. विपक्ष ने सरकार के एक साल पूरा होने पर सरकार से कांग्रेस के वचनों का ब्योरा मांगने की तैयारी की है.

विपक्ष का ये है प्लान

विपक्ष जिन मुद्दों के जरिए सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश में है, उनमें किसान कर्जमाफी, आपदा से हुई बर्बादी में मुआवजा की जानकारी, यूरिया की किल्लत, कानून व्यवस्था, दुष्कर्म के बढ़ते मामले, ओला से हुए नुकसान जैसे मुद्दे शामिल हैं. सरकार को घेरने के लिए बीजेपी इस बार पार्टी के दिग्गज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने के मूड में है. वहीं, पिछली बार दो विधायकों के पार्टी लाइन के बाहर जाकर सरकार के पक्ष में वोटिंग करने के बाद पार्टी अपने हर विधायक पर भी नजरें बनाए हुए है. इसी क्रम में बीजेपी ने 16 दिसंबर की शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई है.

विपक्ष जिन मुद्दों के जरिए सरकार की घेराबंदी करने की कोशिश में है, उनमें किसान कर्जमाफी, आपदा से हुई बर्बादी में मुआवजा की जानकारी, यूरिया की किल्लत, कानून व्यवस्था, दुष्कर्म के बढ़ते मामले, ओला से हुए नुकसान जैसे मुद्दे शामिल हैं. सरकार को घेरने के लिए बीजेपी इस बार पार्टी के दिग्गज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने के मूड में है. वहीं, पिछली बार दो विधायकों के पार्टी लाइन के बाहर जाकर सरकार के पक्ष में वोटिंग करने के बाद पार्टी अपने हर विधायक पर भी नजरें बनाए हुए है. इसी क्रम में बीजेपी ने 16 दिसंबर की शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई है.

सरकार भी है तैयार

विपक्ष के सवालों की बौछारों से निपटने के लिए कांग्रेस सरकार ने भी खास प्लान तैयार किया है. पार्टी ने मंत्री और खास विधायकों को विपक्ष के सवालों के जवाब के लिए अभी से तैयारी पूरी करने को कहा है. कांग्रेस विपक्ष के आरोपों के साथ सरकार की एक साल उपलब्धियों को लेकर सदन में पहुंचेगी. कांग्रेस सरकार जिन मुद्दों के जरिए विपक्ष पर जवाबी हमला बोलेगी, उनमें किसान कर्जमाफी का एक चरण पूरा होने और दूसरे चरण की शुरुआत करने की तैयारी, आपदा के बाद मुआवजा देने, बिजली बिल कम करने, राइट टू वाटर और राइट टू हेल्थ जैसी योजना बनाने, संजीवनी केंद्र खोलने जैसे मुद्दे शामिल हैं. विपक्ष के सवालों पर पलटवार करने को कांग्रेस ने खास तैयारी की है. पार्टी विधानसभा में केंद्र सरकार के भेदभाव वाले रवैये के जरिए विपक्ष को घेरने की रणनीति तैयार कर रही है. इसे फाइनल रूप देने के लिए कांग्रेस ने भी 16 दिसंबर की शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई है.

सप्लीमेंट्री बजट पेश करेगी सरकार

कांग्रेस विधायक केपी सिंह ने कहा है कि हनीट्रैप मामले में भाजपा नेताओं के नाम सामने आए हैं. सदन में सरकार से अगर हनीट्रैप के सच पर सवाल पूछा जाएगा, तो पार्टी जवाब देगी. बहरहाल विधानसभा के 17 दिसंबर से शुरू होने वाले सत्र में सरकार अपना सप्लीमेंट्री बजट भी पेश करेगी. इसमें किसान कर्जमाफी के दूसरे चरण को शुरू करने समेत सरकार की भावी योजनाओं के लिए बड़ी राशि का प्रावधान होगा. 23 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में बीजेपी औऱ कांग्रेस आमने-सामने होंगे. सत्र से पहले बन रही रणनीतियों से साफ है कि शीतकालीन वाला ये सत्र पक्ष और विपक्ष के मुद्दों से खासा गरम रहेगा.

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