मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में डॉक्टरों के खिलाफ मिली शिकायतों (complaint against doctor) पर अब मेडिकल काउंसिल (Medical council) जल्द सुनवाई करेगा. गंभीर किस्म की शिकायतों पर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड या खत्म करने की भी हो सकती है कार्रवाई. - The Sanskar News

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Monday, December 23, 2019

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में डॉक्टरों के खिलाफ मिली शिकायतों (complaint against doctor) पर अब मेडिकल काउंसिल (Medical council) जल्द सुनवाई करेगा. गंभीर किस्म की शिकायतों पर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड या खत्म करने की भी हो सकती है कार्रवाई.

MP मेडिकल काउंसिल सुधारेगा डॉक्टरों का रवैया, गंभीर शिकायतों पर सस्पेंड होगा रजिस्ट्रेशन

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में डॉक्टरों के खिलाफ मिली शिकायतों (complaint against doctor) पर अब मेडिकल काउंसिल (Medical council) जल्द सुनवाई करेगा. गंभीर किस्म की शिकायतों पर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड या खत्म करने की भी हो सकती है कार्रवाई.

भोपाल. मध्य प्रदेश के डॉक्टर या अस्पताल संचालकों की मनमानी पर अब राज्य सरकार शिकंजा कसेगी. सरकार का ध्यान उन डॉक्टरों पर ज्यादा है, जिनके खिलाफ शिकायतें मिलती हैं. इस बाबत मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल (Medical council) ने डॉक्टरों की शिकायतों का (complaint against doctor) जल्द से जल्द निपटारा करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. बताया गया कि अगर किसी मामले में डॉक्टरों को दोषी पाया जाता है, नई प्रक्रिया के तहत उनकी 'क्लास' लगाई जाएगी. साथ ही कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है. प्रदेश की कमलनाथ (CM Kamalnath) सरकार ने नए साल में डॉक्टरों के रवैये में सुधार लाने के लिए नए वर्क प्रोसेसिंग पर फोकस किया है.

आरोप सही हुए तो रद्द होगा निलंबन

एमपी मेडिकल काउंसिल में दर्ज शिकायतों की सुनवाई बीते डेढ़ साल से बंद है. कार्रवाई न होने की वजह से शिकायतों का निपटारा नहीं हो रहा था. ऐसे में एक तरफ जहां शिकायतकर्ता बेचैन थे, वहीं आरोपित अस्पताल संचालक या डॉक्टरों के अंदर से भी नियम-कायदों का 'डर' खत्म हो चुका था. मेडिकल काउंसिल के मुताबिक अब अगर किसी डॉक्टर पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनका पंजीकरण निलंबित करने से लेकर खत्म करने तक की कार्रवाई हो सकती है.

एमपी मेडिकल काउंसिल में दर्ज शिकायतों की सुनवाई बीते डेढ़ साल से बंद है. कार्रवाई न होने की वजह से शिकायतों का निपटारा नहीं हो रहा था. ऐसे में एक तरफ जहां शिकायतकर्ता बेचैन थे, वहीं आरोपित अस्पताल संचालक या डॉक्टरों के अंदर से भी नियम-कायदों का 'डर' खत्म हो चुका था. मेडिकल काउंसिल के मुताबिक अब अगर किसी डॉक्टर पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनका पंजीकरण निलंबित करने से लेकर खत्म करने तक की कार्रवाई हो सकती है.

एक्ट में संशोधन के बाद बनी व्यवस्था

एमपी मेडिकल काउंसिल, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के अधीन है. इसकी नियमावली में चेयरमैन के तौर पर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं दर्ज था. इस साल अगस्त में विधानसभा में मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल एक्ट में संशोधन किया गया. इसके बाद देखा गया कि काउंसिल में प्रदेशभर के डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतें लंबित हैं. वर्तमान में काउंसिल के पास राज्यभर की कुल 84 शिकायतें लंबित हैं, जिनमें राजधानी भोपाल की 15 शिकायतें हैं. शिकायतों की बड़ी संख्या को देखते हुए हर महीने एथिकल कमेटी की बैठक करने की योजना बनाई गई है. अधिकारियों की माने तो जरूरत पड़ने पर महीने में दो बार बैठक होगी, जिसमें शिकायतों की सुनवाई की जाएगी

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