Sanskar news ,1 January , 2020
पवन भार्गव (प्रधान संपादक )नव वर्ष की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं सभी पाठकों को एवं सभी देशवासियों को
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि यहां आने वाले ग्राहक को मनपसंद कॉलगर्ल उपलब्ध कराई जाती थी। मगर एक शर्त होती थी कि उसे 'हैपी ऐंडिंग' कोड वर्ड कहना होता था। इस स्पा के संबंध भोपाल के अलावा नागपुर, नासिक, मुम्बई, जलगांव और इंदौर से थे।

हाइलाइट्स:
- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस की अपराध शाखा ने स्पा से चलने वाले कॉल गर्ल गिरोह का भंडाफोड़ किया है
- 7 युवतियों और 5 ग्राहकों को गिरफ्तार किया, ग्राहक द्वारा 'हैपी ऐंडिंग' कोड वर्ड कहने पर कॉल गर्ल की सुविधा मिलती थी
- ग्राहक से पूछा जाता था सामान्य मसाज या हैपी ऐंडिंग, सामान्य मसाज के लिए 1 हजार, हैपी ऐंडिंग के लिए 5 से 50 हजार
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस की अपराध शाखा ने स्पा से चलने वाले कॉल गर्ल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यहां पुलिस ने सात युवतियों और पांच ग्राहकों को गिरफ्तार किया। स्पा में आए ग्राहक द्वारा 'हैपी ऐंडिंग' कोड वर्ड कहने पर कॉल गर्ल की सुविधा मिल जाती थी।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शहर के अनेक स्पा से अनैतिक काम चलने की जानकारी मिल रही थी। इसी के चलते सोमवार को बाग सेवनिया क्षेत्र के शाइन स्पा सेंटर पर दबिश देने पर युवतियों को ग्राहकों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया। स्पा संचालक को भी गिरफ्तार किया गया है।
इन जगहों से आती थीं लड़कियां
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि यहां आने वाले ग्राहक को मनपसंद कॉल गर्ल उपलब्ध कराई जाती थी। मगर एक शर्त होती थी कि उसे 'हैपी ऐंडिंग' कोड वर्ड कहना होता था। इस स्पा के संबंध भोपाल के अलावा नागपुर, नासिक, मुम्बई, जलगांव और इंदौर से थे। यहां से लड़कियां भोपाल सहित अन्य स्थानों को भेजी जाती थीं और वहां से यहां आती थीं।
50 हजार तक ऐंठते थे
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि इस स्पा में आने वाला ग्राहक अगर 'हैपी ऐंडिंग' कोड वर्ड कहता था तो उसे देह व्यापार में लिप्त लड़की उपलब्ध करा दी जाती थी। इतना ही नहीं ग्राहक से यह भी पूछ लिया जाता था कि उसे सामान्य मसाज कराना है या 'हैपी ऐंडिंग'। सामान्य मसाज के एक हजार और हैपी ऐंडिंग के पांच से 50 हजार रुपये तक लिए जाते थे।
नियमित ग्राहक वॉट्सऐप पर जुड़े थे
स्पा में आने वाले ग्राहक को अपनी पसंद की लड़की चुनने के लिए पहले अलबम दिखाया जाता था। लड़की पसंद करने के बाद रेट तय होता था। जो नियमित ग्राहक होते थे, उन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ दिया जाता था।
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