विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार कर्जमाफी का मुद्दा गरमाएगा। पांच दिन के इस छोटे से सत्र में मुद्दे बड़े हैं। सरकार को घेरने के लिए बीजेपी ने तैयारी की है। एक साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर विपक्ष के सवालों के जवाब के लिए कांग्रेस भी तैयार है। भाजपा एक साल का हिसाब मांगेगी तो इसके उलट कांग्रेस भी भाजपा से पिछले 15 सालों का ब्यौरा मांगने के लिए तैयार है।
ये है विपक्ष की तैयारी :
विपक्ष जिन मुद्दों के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश में है, उनमें किसान कर्जमाफी, भारी बारिश से हुई बर्बादी, यूरिया की किल्लत, कानून व्यवस्था, दुष्कर्म के बढ़ते मामले शामिल हैं। सरकार को घेरने के लिए भाजपा के बड़े नेता मुद्दों को उठाएंगे। वहीं व्हिप जारी कर पिछली बार दो विधायकों के पार्टी लाइन के बाहर जाकर सरकार के पक्ष में वोटिंग करने की संभावनाओं पर भी नियंत्रण करने की कोशिश की है। भाजपा ने 16 दिसंबर की शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई है।
आक्रमकता के साथ सरकार तैयार
विपक्ष के सवालों की बौछारों से निपटने के लिए सरकार ने मंत्री और विधायकों को विपक्ष के सवालों के जवाब के लिए पूरी तैयारी करने को कहा है। कांग्रेस सरकार की एक साल उपलब्धियों को लेकर सदन में पहुंचेगी। कांग्रेस सरकार जिन मुद्दों के जरिए विपक्ष पर जवाबी हमला बोलेगी, उनमें किसान कर्जमाफी का एक चरण पूरा होने और दूसरे चरण की शुरुआत करने की तैयारी, आपदा के बाद मुआवजा देने, बिजली बिल कम करने, राइट टू वाटर और राइट टू हेल्थ जैसी योजना बनाने, संजीवनी केंद्र खोलने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
इस सत्र में पहला सप्लीमेंट्री बजट :
विधानसभा के 17 दिसंबर से शुरू होने वाले सत्र में सरकार अपना सप्लीमेंट्री बजट भी पेश करेगी. इसमें किसान कर्जमाफी के दूसरे चरण को शुरू करने समेत सरकार की भावी योजनाओं के लिए बड़ी राशि का प्रावधान होगा। 23 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में बीजेपी औऱ कांग्रेस आमने-सामने होंगे। इस सत्र में पांच बैठकें होंगी।
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