शिवपुरी जैन समाज की दो बेटियों के सीए बनने पर मना हर्ष, बंटी मिठाईयां
कु. प्रेरणा जैन और कु. जया कोचेटा का समाज ने किया सम्मान, मंदिर में हुई दादा गुरूदेव की पूजा
फोटो, प्रेरणा जैन और जया कोचेटा का लगावें
शिवपुरी। चार्टड अकांउटेंट के परीक्षा परिणाम में इस बार शिवपुरी जैन समाज की दो बेटियों ने परचम फहराया है। इनमें से कु. प्रेरणा जैन ने तो पहली बार में ही इस परीक्षा में सफलता अर्जित की। जबकि कु. जया कोचेटा को दूसरे प्रयास में सफलता मिली। परीक्षा परिणाम आने के बाद दोनों बेटियों के घरों में उत्साह का वातावरण है। घरों में और मोहल्ले में मिठाई बांटकर खुशियंा मनाई गईं। कु. प्रेरणा जैन के सीए बनने के उपलक्ष्य में उनके काष्टया परिवार ने दादा गुरूदेव के पूजन का आयोजन किया। जिसमें बड़ी संख्या में धर्मप्रेमियों ने भाग लिया। इस धार्मिक समारोह में श्वेताम्बर जैन समाज ने दोनों बेटियों का बहुमान किया। उनका सम्मान करने वालों में इंदरमल नबाव सांखला परिवार ने भी अपनी भागिता दर्शाई।
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मां के प्रोत्साहन से मैं बनी सीए : कु. प्रेरणा
्रपरीक्षा परिणाम के बाद अपनी भावना व्यक्त करते हुए कु. प्रेरणा जैन ने बताया कि उनकी मां श्रीमति सुधा काष्टया ने मुझे सीए बनने के लिए प्रोत्साहित किया। पिता प्रदीप काष्टया ने भी मेरा मनोबल लगातार बढ़ाया। उनका कहना था कि मेरे दादा स्व. घीसूमल जी काष्टया हमेशा चाहते थे कि परिवार की महिलाएं और बेटियां सार्वजनिक क्षेत्र में आकर नाम कमाएं। प्रदीप काष्टया ने बताया कि उनके पिता के आर्शीवाद से ही उनकी बेटी सीए बनने मेें सफल रही। शुरू से ही उसकी पढ़ाई में गहन रूचि थी और मुंबई में रहकर उसने सीए की पढ़ाई की थी। दिन में प्रतिदिन वह 8 से 10 घंटे तक नियमित रूप से पढ़ाई करती थी। बेटी के सीए बनने पर वह बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। विदित हो कि कु. पे्ररणा जैन पत्रकार ज्ञानचंद्र जैन और सर्राफा व्यवसायी त्रिलोक काष्टया तथा अशोक काष्टया की भतीजी है।
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पूरे मन से प्रयास किए जाएं तो सफलता अवश्य मिलती है : कु. जया कोचेटा
सीए बनने के बाद कु. जया कोचेटा ने बताया कि हर असफलता हमें कुछ न कुछ अवश्य सिखाती है। पहली बार के प्रयास में जब वह सीए नहीं बन पाई तो मन में निराशा की भावना थी। लेकिन उनके दादा शिखरचंद्र जी कोचेटा और दादी श्रीमति निर्मला कोचेटा ने निरंतर मेरे मनोबल को बढ़ाया और कहा कि निराश होने की आवश्यकता नहीं है। पूरे मन से समपर्ण के साथ यदि प्रयास किए जाएं तो सफलता अवश्य मिलेगी। इस बीज मंत्र ने मुझे आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया। मेरे पिता किराना व्यवसायी तरूण कोचेटा और मां संध्या कोचेटा ने मुझसे कहा कि हमारा सिर्फ कर्म पर अधिकार है और जो भी फल मिले उसे स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि यहीं ईश्वर की इच्छा होती है। कु. जया ने बताया कि सीए बनने का उनका उद्देश्य पैसा कमाना नहीं बल्कि समाज की सेवा करना है।
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