राममंदिर निर्माण की बहुप्रतीक्षित घड़ी अब दूर नहीं है। स्थितियां अनुकूल रहीं तो सावन पूर्णिमा से पहले भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या आना तय है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डीएम के माध्यम से भगवान राम की प्रस्तावित 251 मीटर ऊंची मूर्ति की स्थापना समेत पर्यटन व नगर विकास को लेकर संबंधित मंत्रालय से अनुमोदन के लिए प्रस्ताव मांगा है।
इसे नई दिल्ली भेजा जा रहा है, ताकि स्वीकृति लेकर यहां भव्य अयोध्या के लिए अरबों की योजनाओं का पीएम द्वारा एलान हो। कोविड-19 संकट के चलते प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आकर राममंदिर के गर्भगृह में भूमि पूजन नहीं कर पा रहे थे।
नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार सुबह श्रीरामजन्म भूमि का दौरा किया और ट्रस्ट के पदाधिकारियों को दोपहर 3 बजे सर्किट हाउस में बुलाकर प्रधानमंत्री के आने का एजेंडा समझाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोविड-19 के संकट काल में यह आयोजन काफी कठिन है।
सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कम से कम विशिष्ट अतिथियों को बुलाना होगा। देश काल और समाज में सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो प्रधानमंत्री भूमि पूजन में पूरा वक्त देंगे और भव्य राममंदिर के निर्माण के साथ अयोध्या के वैश्विक विकास को लेकर निर्देश भी देंगे।
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे के मद्देनजर विकास योजनाओं का फोकस बढ़ा दिया है। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नव्य और भव्य अयोध्या का खाका खींचा।
सूत्रों के मुताबिक माझा बरहेटा में प्रस्तावित 251 मीटर ऊंची प्रभु श्री राम की मूर्ति, श्रीराम एयरपोर्ट, सरयू के दोनों तरफ के घाटों का विकास, 84 कोसी परिक्रमा समेत 14 और पंच कोसी इलाके का सौंदर्यीकरण, ऋषि-मुनियों से जुडे़ स्थलों का विकास करते हुए अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित किए गए अयोध्या समेत बस्ती और गोंडा के इलाकों को मिलाकर भव्य अयोध्या का नया उपनगर विकसित करने की हजारों करोड़ों की योजनाओं के प्रस्ताव तत्काल नई दिल्ली के संबंधित मंत्रालयों को भेजने के निर्देश दिए।
डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि मुख्यमंत्री की आधे घंटे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री के आने से पहले सभी योजनाओं की स्वीकृति लेने का निर्देश है।
500 साल बाद आई शुभ घड़ी, मोदी रखें पहली ईंट
राममंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास कहते हैं कि मोदी शीघ्र अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का शुभारंभ करें। मोदी व योगी के कर कमलों से ही राममंदिर की पहली ईंट रखी जानी चाहिए, क्योंकि मोदी व योगी के काल में ही यह शुभ अवसर आया है। संत समाज पीएम के स्वागत को तैयार है।
क्यों नहीं की धर्म संसद'
हिंदू संगठनों द्वारा अयोध्या में विशालतम राममंदिर निर्माण के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान को शुक्रवार को निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने भी हस्ताक्षर कर समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद को जब संतों की आवश्यकता थी तो उन्होंने उनका इस्तेमाल किया और जब संतों के सम्मान की बात आई तो उन्हें ट्रस्ट से दूर कर दिया गया। बात-बात में संतों की धर्म संसद करने वाली विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर मुद्दा और ट्रस्ट बनाने के लिए धर्म संसद का आयोजन क्यों नहीं किया।
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