पाकिस्तानी आतंकवादी का निशाना हो सकते हैं अमेरिका ने जारी की एडवायजरी, कहा- ना करें पाकिस्‍तानी एयर स्‍पेस का इस्‍तेमाल; - The Sanskar News

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Thursday, January 2, 2020

पाकिस्तानी आतंकवादी का निशाना हो सकते हैं अमेरिका ने जारी की एडवायजरी, कहा- ना करें पाकिस्‍तानी एयर स्‍पेस का इस्‍तेमाल;

 संस्कार न्यूज़ , 3 जनवरी 2020

वाशिंगटन, एएनआइ। संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी एयर लाइंसों को एडवाइजरी जारी की है। अमेरिका ने एयरलाइंस को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र (एयर स्‍पेस) का इस्‍तेमाल करने से बचने के प्रति आगाह किया है। अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान चरमपंथियों और आतंकवादी समूहों द्वारा हमारी एयरलाइंस (वाणिज्यिक और अमेरिकी राज्‍य एयरलाइंस) पर हमला हो सकता है।नीची उड़ान भरने वाले विमानों को ज्‍यादा खतयूएस   फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एक बयान में कहा है कि विमान पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों का निशाना हो सकते हैं। ज्ञात रहे कि यह एडवाइजरी ऐसे समय जारी हुई है, जब दो दिन पहले बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर कई प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था।

एडवाइजरी में कहा गया है कि अमेरिकी विमानों को आतंकी संगठन और कट्टरपंथियों से खतरा हो सकता है। जो विमान नीचे उड़ान भरते हैं, उनके लिए ज्‍यादा खतरा हो सकता है। माना जा रहा है कि  पाकिस्तान में कुछ आतंकी संगठनों के बारे में  शक है कि उनकी पहुंच मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम तक है। इसके जरिए पाकिस्तान में सिविल एविएशन पर भी हमला हो सकता है। 


गौरतलब है कि वैसे भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इन दिनों बेहद नाजुक हालत में है। बालाकोट स्‍ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था। इससे उसे करीब 688 करोड़ का भारी नुकसान झेलना पड़ा था। अब फिर पाकिस्‍तान ने भारत के लिए एयरस्‍पेस बंद दिया है। इससे पाकिस्‍तान को भारी नुकसान उठना पड़ रहा है।

अगर अमेरिका ने अपनी एयरलाइंस को पाकिस्‍तान के एयरस्‍पेस के इस्‍तेमाल से रोक दिया तो पाकिस्‍तान को भारी खामियाजा भुगतना होगा। इस कारण अन्‍य देश भी पाकिस्‍तान के एयरस्‍पेस का इस्‍तेमाल करने से बचेंगे।

यात्रा का समय बढ़ने के साथ किराये पर भी हो सकता है असर

पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने के बाद यूरोप, अमेरिका और गल्फ क्षेत्र वाली उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ेगा। लंबे रूट से यात्रा का समय बढ़ जाएगा। भारत से अमेरिका की हवाई यात्रा की बात करें, तो इसका समय करीब 3 घंटे तक बढ़ जाएगा। लंबे रूट के कारण सिर्फ ज्यादा ईंधन की ही नहीं बल्कि अतिरिक्त क्रू और अतिरिक्त पायलट्स की भी आवश्यकता होती है। इससे एयरलाइंस का ऑपरेशन कॉस्ट बढ़ जाती है जिसका असर किराये पर भी पड़ सकता है। 

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