संस्कार न्यूज़ 3 जनवरी 2020

शामली - : मशहूर गायक अजय पाठक की मंडली का सबसे खास शिष्य था हिमांशु। एक तरह से वो अजय का पीए था। हर काम में आलराउंडर, स्मार्ट पर्सनेल्टी, फेसबुक और सोशल मीडिया में भी सक्रिय था। मंडली के साथ गाने बजाने और कार चलाने में भी एक्सपर्ट हो गया था। रात को गुरुजी (अजय) के घर ही सोया था। उनके पैर भी दबाए और इस दौरान उसने वारदात को अंजाम दे दिया। बुधवार को पूरे शामली शहर में इसी घटना की चर्चा थी।

हत्यारोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा - फोटो :
बताया जाता है कि करीब दो ढाई साल पूर्व भजन मंडली से जुड़ने पर हिमांशु ने अजय पाठक का भरोसा जीत लिया था। मंडली में गाने बजाने में सहयोग के अलावा वो ड्राइविंग भी करता है। अजय पाठक के परिवार में आना जाना भी था। अक्सर रात को उनके घर रुक जाता था।

एक घर से उठी तीन अर्थियां - फोटो : अमर उजाला
पुलिस के अनुसार घटना वाली रात भी हिमांशु अजय पाठक के घर ही रुका। खाना खाया और अजय पाठक के पैर भी दबाए। रात को ही उसने पूरे परिवार का खात्मा कर दिया।

शामली मर्डर केस
पुलिस के सामने भोला बनता रहा हत्यारोपी
हत्यारोपी हिमांशु पुलिस गिरफ्त में आने के बाद खुद को भोला साबित करता दिखाई दिया। मीडिया के सामने पेश करने पर वह बोला कि मैंने तो गुरुजी से अपने रुपये मांगे थे, उन्हें बताया था कि कर्जा है। बैंक वाले परेशान कर रहे हैं। रात भी उनसे अपने रुपये मांगे लेकिन उन्होंने भला बुरा कहा और रुपये नहीं दिए।
हत्यारोपी हिमांशु पुलिस गिरफ्त में आने के बाद खुद को भोला साबित करता दिखाई दिया। मीडिया के सामने पेश करने पर वह बोला कि मैंने तो गुरुजी से अपने रुपये मांगे थे, उन्हें बताया था कि कर्जा है। बैंक वाले परेशान कर रहे हैं। रात भी उनसे अपने रुपये मांगे लेकिन उन्होंने भला बुरा कहा और रुपये नहीं दिए।

विलाप करते परिजन और नीचे अजय व पत्नी और बेटी का फाइल फोटो -
आरोपी हिमांशु ने अफसोस जाहिर कर कहा कि उसके रुपये नहीं दिए और डांट दिया, अपशब्द कहे। उसने बहुत अपमानित महसूस किया। उसके बाद कमरे से नीचे आ गया। उसे पता नहीं क्या हुआ। उसे अब खुद भरोसा नहीं हो रहा है कि उसने ये क्या कर दिया है। पूछने पर बताया कि उसने घर में ही रखी तलवार और चाकू उठाकर पाठक परिवार पर वार किया था।

मौके पर पहुंचे डीएम -
दिन निकलने पर आवाजाही देख बदला इरादा
एसपी के अनुसार आरोपी हिमांशु ने अजय की कार को मकान के बाहर लगाकर पहली मंजिल से भागवत और वसुंधरा का शव नीचे घसीटते हुए उतारा। भागवत का शव कार की डिक्की में डाल दिया लेकिन वसुंधरा का शव भारी होने की वजह से वह उठा नहीं सका। तब तक दिन निकल चुका था और काफी रोशनी हो गई थी। गली में आवाजाही देख उसने वसुंधरा का शव वापस कमरे में रख दिया और उस पर रजाई डाल दी। कमरे को बाहर से ताला लगा दिया।
एसपी के अनुसार आरोपी हिमांशु ने अजय की कार को मकान के बाहर लगाकर पहली मंजिल से भागवत और वसुंधरा का शव नीचे घसीटते हुए उतारा। भागवत का शव कार की डिक्की में डाल दिया लेकिन वसुंधरा का शव भारी होने की वजह से वह उठा नहीं सका। तब तक दिन निकल चुका था और काफी रोशनी हो गई थी। गली में आवाजाही देख उसने वसुंधरा का शव वापस कमरे में रख दिया और उस पर रजाई डाल दी। कमरे को बाहर से ताला लगा दिया।

विलाप करते परिजन और नीचे परिवार के सदस्यों के फाइल फोटो - फोटो :
इसके बाद वह फिर से अजय और स्नेहा के कमरे में गया और उनके शवों पर कंबल डाल दिया। सभी के मोबाइल फोन अपने साथ ले गया। हिमांशु ने हड़बड़ी में मकान की तलाशी भी ली। स्नेहा की अलमारी में ताला नहीं था, अलमारी खोलकर उसने हर बैग निकाल लिया और कमरा बाहर से बंद कर चला गया।
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