. Sanskar news
05-Dec-19 91

✍️ पवन भार्गव
ग्वालियर। बीते दिवस मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकता और साथ-साथ मुरैना जाने के बाद कांग्रेस में अब नये समीकरण बनने की संभावना है। अब मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस आलाकमान से चर्चा कर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा में भेजने की प्लानिंग कर सकते हैं। वैसे इस वर्ष अप्रैल-मई में मध्यप्रदेश से राज्यसभा की३ सीटें रिक्त हो रही हैं।
बीते दिवस मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुई मुलाकात के बाद राजनैतिक हलको में इस बात की चर्चा है कि मध्यप्रदेश में जल्दी ही कांग्रेस के नये समीकरण भी बन सकते हैं। इस बात से कांग्रेस के दूसरे खेमों में भी बेचैंनी है। वैसे कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के शीर्षस्थ नेताओं में से एक हैं, पर इन दिनों वह संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
इसी कारण यह कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस आलाकमान से चर्चा कर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य सभा में भेजे जाने की पुरजोर वकालत कर सकते हैं। वैसे कमलनाथ और सिंधिया की जुगलबंदी मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए शुभ का संदेश है। सभी जानते हैं और कांग्रेस आलाकमान भी समझता है कि सिंधिया ने राज्य के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए जी तोड मेहनत की है और ग्वालियर-चंबल संभाग में उनका करिश्माई नेतृत्व ही कांग्रेस को अधिकतम सीटें दिला सका और इसी वजह से राज्य में कांग्रेस की सरकार बन सकी।
अब मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सिंधिया का यह कर्ज उतारने के लिये उन्हें मध्यप्रदेश कोटे की रिक्त हो रही राज्य सभा सीट से संसद (राज्यसभा) में भेज सकते हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव सिंधिया की बीते दिवस ग्वालियर में हुई मुलाकात पूर्व से तय नहीं थी, फिर भी दोनों ने अचानक तय कार्यक्रम बदलकर न केवल मुलाकात की बल्कि मुरैना भी दोनों हेलीकाप्टर से साथ पहुंचे। इससे स्पष्ट परिलक्षित है कि दोनों के संबंध पहले से अब प्रगाढ़ हो रहे हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो एयरपोर्ट पर आधा घंटा सिंधिया का इंतजार भी किया, जो बडी बात है।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात ऐसे समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जब राज्य में कांग्रेस सरकार को लेकर विरोधी भाजपाई प्रश्र चिन्ह लगाते हैं और सिंधिया की नाराजगी की हवा हवाई खबरें आये दिन सुर्खियां बनती है। हालांकि इस संदर्भ में सिंधिया स्वयं ग्वालियर में कह चुके हैं कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, और पद को लेकर कतई राजनीति नहीं करते।
No comments:
Post a Comment