जिसमेंकुछ लोगों ने ईश्वरीय प्रेरणा या स्वयं की प्रेरणा से नींबू के रस की दो बूंदों को नासिका छिद्रों में डालकर बड़ी संख्या में लोगों को लाभ पहुचाया है। श्री सईदा सूरज जो कि एक फिल्म लेखक है उन्हौंने 50 करोना पोजीटिव छात्रों का इस थैरापी का उपयोग कर पाँच दिन में उन्हें करोना नेगेटिव कर नींबू के रस की प्रभावशीलता को तथ्यों के आधार पर प्रमाणित किया है। यह कार्य हमारे वैज्ञानिकों व चिकित्सकों का था कि वे यह पहिचानने की कोशिश करते कि इसका वैज्ञानिक आधार क्या है आम आदमी की क्षमता व सोच वैज्ञानिक आधार खोजने में सक्षम नहीं है न ही उनसे ऐसी अपेक्षा भी की जाना उचित है।हमारी सरकारी संस्था पी. आई. बी. को चाहिये था कि वह उन लोगों का इन्टरव्यू लेते व उनकी करोना टेस्ट की दोनों रिपोर्टों (प्रारम्भिक पोजीटिव व नींबू रस प्रयोग के पश्चात नेगेटिव रिपोर्ट) को चैक करते व श्री सूरज के द्वारा किये ट्रायल की प्रभावशीलता का जमीनी आंकलन तथ्यों के आधार पर करते लेकिन उन्होंने बिना जमीनी पड़ताल किये ही इसे वैज्ञानिक आधार का न होना बताकर उसे फर्जी होने का ठप्पा लगा दिया, जो किसी के दबाव में की गयी कार्यवाही प्रतीत होता है। किसी सरकारी संस्था का यह कार्य अत्यंत ही गैरजिम्मेदाराना है, किन ताकतों ने पी. आई. बी. को आपाधापी में फर्जी होने का ठप्पा लगाने के लिये विवश किया होगा इसकी गहराई से जाँच की जाने की आवश्यकता है ।जिससे शासकीय संस्थायें किसी के इशारे पर कार्य न करे व उनकी विश्वसनीयता को आम जनता में कायम रखी जा सके।मै अपने विवेक से नींबू थैरापी पर कुछ प्रकाश डालने की कोशिश करता हूँ। शुरू से ही आपके द्वारा बार बार साबुन से हाथ धोने व सेनेटाइजर के उपयोग की सलाह दी जा रही है। समझने की कोशिश करते है कि साबुन या सेनीटाइजर क्या करता है, करोना वायरस की बाहरी सतह साबुन व सेनेटाइजर नष्ट कर करोना वायरस को निष्प्रभावी कर देता है। मेरा अनुमान है कि यही काम नींबू का रस भी कर रहा है नींबू का रस नासिकाछिद्र से नाक, गले व अपने पहुच के क्षेत्र में उपस्थित करोना वायरस की बाहरी सतह को गलाकर उसे निष्प्रभावी कर रहा है।अब आवश्यकता है कि इस तथ्य को वैज्ञानिक ढंग से दूसरी प्रक्रिया (क्लीनिक ट्रायल) के माध्यम से भी कैसे प्रमाणित किया जाये। माननीय प्रधानमंत्री जी यह कार्य अत्यंत ही आसान व इसे एक सप्ताह में आसानी से पूर्ण किया जा सकता है। मै इस दूसरी प्रकिया क्लीनिक ट्रायल का भी सिलसिलेवार उल्लेख करता हूँ ----- लेमन थैरापी का क्लीनिक ट्रायलहाइपोथिसिसः—क्या लेमन जूस में कोई ऐसा तत्व विध्यमान है ? जो करोना वायरस की बाहरी सतह को नष्ट करने की क्षमता रखता है इस तथ्य को क्लीनिकल ट्रायल से स्थापित करना है ! तैयारियाः—1. सभी क्रियाकलापों के दस्तावेजी एवं वीडियो साक्ष्य इकट्ठा किये जाएं2. ऐसे व्यक्ति जो करोना पोजीटिव है उन्हें पूरी ब्रीफिंग दी जाये एवं उनसे इस ट्रायल में स्व इच्छा से सम्मलित होने की लिखित सहमति ली जाये।3. क्लीनिक सेंटर पर सभी मरीजों के लिये आवश्यक बैड, ऑक्सीजन, दवाइयों आदि की व्यवस्था की जाये व इसका वीडियो बनाया जाये। ताकि किन्ही विषम परिस्थितियों में भी उसे हेन्डल करने की तैयारी रखी जाये व इसका पूरे तथ्य मरीजों को बताकर उनमें ट्रायल के प्रति विश्वास पैदा किया जाये।4. क्लीनिक ट्रायल में उन्ही व्यक्तियों को सम्मलित किया जाये जो RT-PCR टेस्ट में करोना पोजीटिव पाये गये हैं। उनके सभी पैरामीटर्स को हर दो घंटे रिकॉर्ड किया जाये व हर दिन उनकी नासिका छिद्रों में नीबू के रस की दो-तीन बूंदे डाली जायें व इस प्रोसेस की भी रिकॉर्डिंग रखी जावे। मरीजों को उनके स्टेटस के बारे में प्रतिदिन ब्रीफिंग वीडियो रिकॉडिंग के तहत दिया जाये।5. दिन में एक बार लैमन वाटर की स्टीम की थैरापी भी दी जावे जिससे लंग्स में इन्फेक्सन पहुचने पर उसे भी प्रभावी ढंग से रोका जा सके।6. सात दिन के बाद पुनः RT-PCR टेस्ट कराया जाये । जितने व्यक्ति करोना नेगेटिव पाये जाते है उनका ट्रायल कम्पलीट माना जाये व शेष का ट्रीटमेंट जारी ऱखते हुए हर दूसरे दिन RT-PCR टेस्ट जारी रखे जाये जब तक सभी व्यक्ति टेस्टिंग में नेगेटिव नही हो जाते हैं।7. इसके पश्चात इस रिसर्च रिपॉर्ट को पब्लिकली पब्लिश किया जाये व प्रेस ब्रीफिंग की जाये जिससे अधिक से अधिक लोंगों तक रिसर्च फाइडिंग पहुचायी जा सके।8. टेस्ट के जरिये लेमन जूस की प्रभावशीलता की वैज्ञानिक प्रमाणितता स्थापित हो जाने के पश्चात पोलियो ड्रोप की भांति देश के सभी लोगों को माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इस थैरापी का लगातार पाँच दिनों तक दिया जाये ताकि मानव शरीर व वातावरण में स्थित समस्त करोना वायरसों को समाप्त किया जाकर इस समस्या पर निर्णायक विजय प्राप्त की जा सके।9. बाहर से आना वाला व्यक्ति अपने साथ संक्रमण न लाने पाये अतः वायुयान से उतरने के पश्चात सभी यात्रियों की करोना टेस्टिंग व लेमन थैरापी का प्रोटोकॉल संस्थापित किया जाना उचित होगा। आपकी जानकारी के लिये मै स्वयं भी संक्रमित हुआ था व मेरा तापमान दिनांक 13.4.2021 को रात्रि में 104 डिग्री था व ऑक्सीजन लेवल 92-93 था। मैने रात्रि में ही नींबू थैरापी की व दो घंटे में ही मेरा तापमान नोरमल हो गया व मैंने दिनांक 14.4.2021 को अपना करोना टेस्ट कराया जो नेगेटिव पाया गया व ऑक्सीजन लेवल 96-98 आ गया था । किसी संक्रमण से संभावना से बचने के लिये मैं व मेरा पूरा परिवार दिनांक 13.4.2021 से आज दिनांक (10.5.2021) तक लगातार नींबू थैरापी कर रहा है और किसी तरह का नेगेटिव प्रभाव देखने में नहीं आया है मेरा सांस लेने की गहराई व अहसास में भी मैं बेहतरी पा रहा हूं।मेरा माननीय प्रधानमंत्री जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि नींबू थैरापी का उपरोक्तानुसार क्लीनिक ट्रायल (वैज्ञानिक सत्यापन) करायें व पोलियो की भाँति इसका क्रियान्वयन कर आम जनता को इस त्रासदी से मुक्ति दिलायें।हमें लाक़डाउन की आवश्यकता नही रहेगी व गरीब लोग सुगमता से अपनी रोजी रोटी कमा पायेंगे हमारे हालात पुनः सामान्य हो जायेंगे। जनहित में इसे नजरअंदाज न किया जावे और न ही इसे केवल कार्यालयीन लोगों या अधिकारियों के ऊपर न छोड़ा जाये ।सादर, मैथिली शरण गुप्तराष्ट्रीय अध्यक्ष अपराध मुक्त भारत मिशनएवं पूर्व पुलिस महानिदेशक (पुलिस सुधार)मध्यप्रदेश9425606040दिनांकः 10.5.2021स्थानः भोपाल। राजेंद्र गुप्ता संभागीय ब्यूरो (करैरा) मों-8435495303
Monday, May 10, 2021

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आदरणीय प्रधानमंत्रीजी, पूर्व डीजीपी मैथिली शरण गुप्त (मध्य प्रदेश)के द्वारा दिनांक 9.5.2021 के पत्र का स्मरण करें । जिसमेंकुछ लोगों ने ईश्वरीय प्रेरणा या स्वयं की प्रेरणा से नींबू के रस की दो बूंदों को नासिका छिद्रों में डालकर बड़ी संख्या में लोगों को लाभ पहुचाया है। श्री सईदा सूरज जो कि एक फिल्म लेखक है उन्हौंने 50 करोना पोजीटिव छात्रों का इस थैरापी का उपयोग कर पाँच दिन में उन्हें करोना नेगेटिव कर नींबू के रस की प्रभावशीलता को तथ्यों के आधार पर प्रमाणित किया है। यह कार्य हमारे वैज्ञानिकों व चिकित्सकों का था कि वे यह पहिचानने की कोशिश करते कि इसका वैज्ञानिक आधार क्या है आम आदमी की क्षमता व सोच वैज्ञानिक आधार खोजने में सक्षम नहीं है न ही उनसे ऐसी अपेक्षा भी की जाना उचित है।हमारी सरकारी संस्था पी. आई. बी. को चाहिये था कि वह उन लोगों का इन्टरव्यू लेते व उनकी करोना टेस्ट की दोनों रिपोर्टों (प्रारम्भिक पोजीटिव व नींबू रस प्रयोग के पश्चात नेगेटिव रिपोर्ट) को चैक करते व श्री सूरज के द्वारा किये ट्रायल की प्रभावशीलता का जमीनी आंकलन तथ्यों के आधार पर करते लेकिन उन्होंने बिना जमीनी पड़ताल किये ही इसे वैज्ञानिक आधार का न होना बताकर उसे फर्जी होने का ठप्पा लगा दिया, जो किसी के दबाव में की गयी कार्यवाही प्रतीत होता है। किसी सरकारी संस्था का यह कार्य अत्यंत ही गैरजिम्मेदाराना है, किन ताकतों ने पी. आई. बी. को आपाधापी में फर्जी होने का ठप्पा लगाने के लिये विवश किया होगा इसकी गहराई से जाँच की जाने की आवश्यकता है ।जिससे शासकीय संस्थायें किसी के इशारे पर कार्य न करे व उनकी विश्वसनीयता को आम जनता में कायम रखी जा सके।मै अपने विवेक से नींबू थैरापी पर कुछ प्रकाश डालने की कोशिश करता हूँ। शुरू से ही आपके द्वारा बार बार साबुन से हाथ धोने व सेनेटाइजर के उपयोग की सलाह दी जा रही है। समझने की कोशिश करते है कि साबुन या सेनीटाइजर क्या करता है, करोना वायरस की बाहरी सतह साबुन व सेनेटाइजर नष्ट कर करोना वायरस को निष्प्रभावी कर देता है। मेरा अनुमान है कि यही काम नींबू का रस भी कर रहा है नींबू का रस नासिकाछिद्र से नाक, गले व अपने पहुच के क्षेत्र में उपस्थित करोना वायरस की बाहरी सतह को गलाकर उसे निष्प्रभावी कर रहा है।अब आवश्यकता है कि इस तथ्य को वैज्ञानिक ढंग से दूसरी प्रक्रिया (क्लीनिक ट्रायल) के माध्यम से भी कैसे प्रमाणित किया जाये। माननीय प्रधानमंत्री जी यह कार्य अत्यंत ही आसान व इसे एक सप्ताह में आसानी से पूर्ण किया जा सकता है। मै इस दूसरी प्रकिया क्लीनिक ट्रायल का भी सिलसिलेवार उल्लेख करता हूँ ----- लेमन थैरापी का क्लीनिक ट्रायलहाइपोथिसिसः—क्या लेमन जूस में कोई ऐसा तत्व विध्यमान है ? जो करोना वायरस की बाहरी सतह को नष्ट करने की क्षमता रखता है इस तथ्य को क्लीनिकल ट्रायल से स्थापित करना है ! तैयारियाः—1. सभी क्रियाकलापों के दस्तावेजी एवं वीडियो साक्ष्य इकट्ठा किये जाएं2. ऐसे व्यक्ति जो करोना पोजीटिव है उन्हें पूरी ब्रीफिंग दी जाये एवं उनसे इस ट्रायल में स्व इच्छा से सम्मलित होने की लिखित सहमति ली जाये।3. क्लीनिक सेंटर पर सभी मरीजों के लिये आवश्यक बैड, ऑक्सीजन, दवाइयों आदि की व्यवस्था की जाये व इसका वीडियो बनाया जाये। ताकि किन्ही विषम परिस्थितियों में भी उसे हेन्डल करने की तैयारी रखी जाये व इसका पूरे तथ्य मरीजों को बताकर उनमें ट्रायल के प्रति विश्वास पैदा किया जाये।4. क्लीनिक ट्रायल में उन्ही व्यक्तियों को सम्मलित किया जाये जो RT-PCR टेस्ट में करोना पोजीटिव पाये गये हैं। उनके सभी पैरामीटर्स को हर दो घंटे रिकॉर्ड किया जाये व हर दिन उनकी नासिका छिद्रों में नीबू के रस की दो-तीन बूंदे डाली जायें व इस प्रोसेस की भी रिकॉर्डिंग रखी जावे। मरीजों को उनके स्टेटस के बारे में प्रतिदिन ब्रीफिंग वीडियो रिकॉडिंग के तहत दिया जाये।5. दिन में एक बार लैमन वाटर की स्टीम की थैरापी भी दी जावे जिससे लंग्स में इन्फेक्सन पहुचने पर उसे भी प्रभावी ढंग से रोका जा सके।6. सात दिन के बाद पुनः RT-PCR टेस्ट कराया जाये । जितने व्यक्ति करोना नेगेटिव पाये जाते है उनका ट्रायल कम्पलीट माना जाये व शेष का ट्रीटमेंट जारी ऱखते हुए हर दूसरे दिन RT-PCR टेस्ट जारी रखे जाये जब तक सभी व्यक्ति टेस्टिंग में नेगेटिव नही हो जाते हैं।7. इसके पश्चात इस रिसर्च रिपॉर्ट को पब्लिकली पब्लिश किया जाये व प्रेस ब्रीफिंग की जाये जिससे अधिक से अधिक लोंगों तक रिसर्च फाइडिंग पहुचायी जा सके।8. टेस्ट के जरिये लेमन जूस की प्रभावशीलता की वैज्ञानिक प्रमाणितता स्थापित हो जाने के पश्चात पोलियो ड्रोप की भांति देश के सभी लोगों को माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इस थैरापी का लगातार पाँच दिनों तक दिया जाये ताकि मानव शरीर व वातावरण में स्थित समस्त करोना वायरसों को समाप्त किया जाकर इस समस्या पर निर्णायक विजय प्राप्त की जा सके।9. बाहर से आना वाला व्यक्ति अपने साथ संक्रमण न लाने पाये अतः वायुयान से उतरने के पश्चात सभी यात्रियों की करोना टेस्टिंग व लेमन थैरापी का प्रोटोकॉल संस्थापित किया जाना उचित होगा। आपकी जानकारी के लिये मै स्वयं भी संक्रमित हुआ था व मेरा तापमान दिनांक 13.4.2021 को रात्रि में 104 डिग्री था व ऑक्सीजन लेवल 92-93 था। मैने रात्रि में ही नींबू थैरापी की व दो घंटे में ही मेरा तापमान नोरमल हो गया व मैंने दिनांक 14.4.2021 को अपना करोना टेस्ट कराया जो नेगेटिव पाया गया व ऑक्सीजन लेवल 96-98 आ गया था । किसी संक्रमण से संभावना से बचने के लिये मैं व मेरा पूरा परिवार दिनांक 13.4.2021 से आज दिनांक (10.5.2021) तक लगातार नींबू थैरापी कर रहा है और किसी तरह का नेगेटिव प्रभाव देखने में नहीं आया है मेरा सांस लेने की गहराई व अहसास में भी मैं बेहतरी पा रहा हूं।मेरा माननीय प्रधानमंत्री जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि नींबू थैरापी का उपरोक्तानुसार क्लीनिक ट्रायल (वैज्ञानिक सत्यापन) करायें व पोलियो की भाँति इसका क्रियान्वयन कर आम जनता को इस त्रासदी से मुक्ति दिलायें।हमें लाक़डाउन की आवश्यकता नही रहेगी व गरीब लोग सुगमता से अपनी रोजी रोटी कमा पायेंगे हमारे हालात पुनः सामान्य हो जायेंगे। जनहित में इसे नजरअंदाज न किया जावे और न ही इसे केवल कार्यालयीन लोगों या अधिकारियों के ऊपर न छोड़ा जाये ।सादर, मैथिली शरण गुप्तराष्ट्रीय अध्यक्ष अपराध मुक्त भारत मिशनएवं पूर्व पुलिस महानिदेशक (पुलिस सुधार)मध्यप्रदेश9425606040दिनांकः 10.5.2021स्थानः भोपाल
आदरणीय प्रधानमंत्रीजी, पूर्व डीजीपी मैथिली शरण गुप्त (मध्य प्रदेश)के द्वारा दिनांक 9.5.2021 के पत्र का स्मरण करें । जिसमेंकुछ लोगों ने ईश्वरीय प्रेरणा या स्वयं की प्रेरणा से नींबू के रस की दो बूंदों को नासिका छिद्रों में डालकर बड़ी संख्या में लोगों को लाभ पहुचाया है। श्री सईदा सूरज जो कि एक फिल्म लेखक है उन्हौंने 50 करोना पोजीटिव छात्रों का इस थैरापी का उपयोग कर पाँच दिन में उन्हें करोना नेगेटिव कर नींबू के रस की प्रभावशीलता को तथ्यों के आधार पर प्रमाणित किया है। यह कार्य हमारे वैज्ञानिकों व चिकित्सकों का था कि वे यह पहिचानने की कोशिश करते कि इसका वैज्ञानिक आधार क्या है आम आदमी की क्षमता व सोच वैज्ञानिक आधार खोजने में सक्षम नहीं है न ही उनसे ऐसी अपेक्षा भी की जाना उचित है।हमारी सरकारी संस्था पी. आई. बी. को चाहिये था कि वह उन लोगों का इन्टरव्यू लेते व उनकी करोना टेस्ट की दोनों रिपोर्टों (प्रारम्भिक पोजीटिव व नींबू रस प्रयोग के पश्चात नेगेटिव रिपोर्ट) को चैक करते व श्री सूरज के द्वारा किये ट्रायल की प्रभावशीलता का जमीनी आंकलन तथ्यों के आधार पर करते लेकिन उन्होंने बिना जमीनी पड़ताल किये ही इसे वैज्ञानिक आधार का न होना बताकर उसे फर्जी होने का ठप्पा लगा दिया, जो किसी के दबाव में की गयी कार्यवाही प्रतीत होता है। किसी सरकारी संस्था का यह कार्य अत्यंत ही गैरजिम्मेदाराना है, किन ताकतों ने पी. आई. बी. को आपाधापी में फर्जी होने का ठप्पा लगाने के लिये विवश किया होगा इसकी गहराई से जाँच की जाने की आवश्यकता है ।जिससे शासकीय संस्थायें किसी के इशारे पर कार्य न करे व उनकी विश्वसनीयता को आम जनता में कायम रखी जा सके।मै अपने विवेक से नींबू थैरापी पर कुछ प्रकाश डालने की कोशिश करता हूँ। शुरू से ही आपके द्वारा बार बार साबुन से हाथ धोने व सेनेटाइजर के उपयोग की सलाह दी जा रही है। समझने की कोशिश करते है कि साबुन या सेनीटाइजर क्या करता है, करोना वायरस की बाहरी सतह साबुन व सेनेटाइजर नष्ट कर करोना वायरस को निष्प्रभावी कर देता है। मेरा अनुमान है कि यही काम नींबू का रस भी कर रहा है नींबू का रस नासिकाछिद्र से नाक, गले व अपने पहुच के क्षेत्र में उपस्थित करोना वायरस की बाहरी सतह को गलाकर उसे निष्प्रभावी कर रहा है।अब आवश्यकता है कि इस तथ्य को वैज्ञानिक ढंग से दूसरी प्रक्रिया (क्लीनिक ट्रायल) के माध्यम से भी कैसे प्रमाणित किया जाये। माननीय प्रधानमंत्री जी यह कार्य अत्यंत ही आसान व इसे एक सप्ताह में आसानी से पूर्ण किया जा सकता है। मै इस दूसरी प्रकिया क्लीनिक ट्रायल का भी सिलसिलेवार उल्लेख करता हूँ ----- लेमन थैरापी का क्लीनिक ट्रायलहाइपोथिसिसः—क्या लेमन जूस में कोई ऐसा तत्व विध्यमान है ? जो करोना वायरस की बाहरी सतह को नष्ट करने की क्षमता रखता है इस तथ्य को क्लीनिकल ट्रायल से स्थापित करना है ! तैयारियाः—1. सभी क्रियाकलापों के दस्तावेजी एवं वीडियो साक्ष्य इकट्ठा किये जाएं2. ऐसे व्यक्ति जो करोना पोजीटिव है उन्हें पूरी ब्रीफिंग दी जाये एवं उनसे इस ट्रायल में स्व इच्छा से सम्मलित होने की लिखित सहमति ली जाये।3. क्लीनिक सेंटर पर सभी मरीजों के लिये आवश्यक बैड, ऑक्सीजन, दवाइयों आदि की व्यवस्था की जाये व इसका वीडियो बनाया जाये। ताकि किन्ही विषम परिस्थितियों में भी उसे हेन्डल करने की तैयारी रखी जाये व इसका पूरे तथ्य मरीजों को बताकर उनमें ट्रायल के प्रति विश्वास पैदा किया जाये।4. क्लीनिक ट्रायल में उन्ही व्यक्तियों को सम्मलित किया जाये जो RT-PCR टेस्ट में करोना पोजीटिव पाये गये हैं। उनके सभी पैरामीटर्स को हर दो घंटे रिकॉर्ड किया जाये व हर दिन उनकी नासिका छिद्रों में नीबू के रस की दो-तीन बूंदे डाली जायें व इस प्रोसेस की भी रिकॉर्डिंग रखी जावे। मरीजों को उनके स्टेटस के बारे में प्रतिदिन ब्रीफिंग वीडियो रिकॉडिंग के तहत दिया जाये।5. दिन में एक बार लैमन वाटर की स्टीम की थैरापी भी दी जावे जिससे लंग्स में इन्फेक्सन पहुचने पर उसे भी प्रभावी ढंग से रोका जा सके।6. सात दिन के बाद पुनः RT-PCR टेस्ट कराया जाये । जितने व्यक्ति करोना नेगेटिव पाये जाते है उनका ट्रायल कम्पलीट माना जाये व शेष का ट्रीटमेंट जारी ऱखते हुए हर दूसरे दिन RT-PCR टेस्ट जारी रखे जाये जब तक सभी व्यक्ति टेस्टिंग में नेगेटिव नही हो जाते हैं।7. इसके पश्चात इस रिसर्च रिपॉर्ट को पब्लिकली पब्लिश किया जाये व प्रेस ब्रीफिंग की जाये जिससे अधिक से अधिक लोंगों तक रिसर्च फाइडिंग पहुचायी जा सके।8. टेस्ट के जरिये लेमन जूस की प्रभावशीलता की वैज्ञानिक प्रमाणितता स्थापित हो जाने के पश्चात पोलियो ड्रोप की भांति देश के सभी लोगों को माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इस थैरापी का लगातार पाँच दिनों तक दिया जाये ताकि मानव शरीर व वातावरण में स्थित समस्त करोना वायरसों को समाप्त किया जाकर इस समस्या पर निर्णायक विजय प्राप्त की जा सके।9. बाहर से आना वाला व्यक्ति अपने साथ संक्रमण न लाने पाये अतः वायुयान से उतरने के पश्चात सभी यात्रियों की करोना टेस्टिंग व लेमन थैरापी का प्रोटोकॉल संस्थापित किया जाना उचित होगा। आपकी जानकारी के लिये मै स्वयं भी संक्रमित हुआ था व मेरा तापमान दिनांक 13.4.2021 को रात्रि में 104 डिग्री था व ऑक्सीजन लेवल 92-93 था। मैने रात्रि में ही नींबू थैरापी की व दो घंटे में ही मेरा तापमान नोरमल हो गया व मैंने दिनांक 14.4.2021 को अपना करोना टेस्ट कराया जो नेगेटिव पाया गया व ऑक्सीजन लेवल 96-98 आ गया था । किसी संक्रमण से संभावना से बचने के लिये मैं व मेरा पूरा परिवार दिनांक 13.4.2021 से आज दिनांक (10.5.2021) तक लगातार नींबू थैरापी कर रहा है और किसी तरह का नेगेटिव प्रभाव देखने में नहीं आया है मेरा सांस लेने की गहराई व अहसास में भी मैं बेहतरी पा रहा हूं।मेरा माननीय प्रधानमंत्री जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि नींबू थैरापी का उपरोक्तानुसार क्लीनिक ट्रायल (वैज्ञानिक सत्यापन) करायें व पोलियो की भाँति इसका क्रियान्वयन कर आम जनता को इस त्रासदी से मुक्ति दिलायें।हमें लाक़डाउन की आवश्यकता नही रहेगी व गरीब लोग सुगमता से अपनी रोजी रोटी कमा पायेंगे हमारे हालात पुनः सामान्य हो जायेंगे। जनहित में इसे नजरअंदाज न किया जावे और न ही इसे केवल कार्यालयीन लोगों या अधिकारियों के ऊपर न छोड़ा जाये ।सादर, मैथिली शरण गुप्तराष्ट्रीय अध्यक्ष अपराध मुक्त भारत मिशनएवं पूर्व पुलिस महानिदेशक (पुलिस सुधार)मध्यप्रदेश9425606040दिनांकः 10.5.2021स्थानः भोपाल
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