राज्य सरकार अब दो से पांच साल के बच्चों को प्राइमरी (प्राथमिक) स्कूल के लिए आवश्यक बुनियादी शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों में ही देगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में अनुबंध हुआ है।
भोपाल। राज्य सरकार अब दो से पांच साल के बच्चों को प्राइमरी (प्राथमिक) स्कूल के लिए आवश्यक बुनियादी शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों में ही देगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में अनुबंध हुआ है। यह प्रयोग भोपाल, सागर और खरगोन के आंगनबाड़ी केंद्रों में मई माह से शुरू किया जा रहा है। अगले साल इसमें धार और दमोह जिले भी जुड़ जाएंगे। प्रयोग के तहत बच्चों को अक्षर ज्ञान, गिनती-पहाड़े सहित बुनियादी शिक्षा दी जाएगी। ताकि प्राइमरी स्कूल में जाकर उनका प्रदर्शन अच्छा रहे। फाउंडेशन ने इसके लिए कोर्स तैयार कर लिया है।
प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार प्राइमरी से पहले प्री-प्राइमरी की पढ़ाई कराना चाहती है। फाउंडेशन की मदद से 10 जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को पढ़ाई कराई जाएगी। इनमें से तीन जिलों में एक मई से पढ़ाई शुरू होगी। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की सोच है कि प्राइमरी स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चे को कम से कम गिनती, पहाड़े सहित अक्षर ज्ञान तो हो। ताकि प्राइमरी में उन्हें दिक्कत न हो।
फाउंडेशन सेकंड स्टाप स्थित जवाहर बाल भवन को रिसोर्स सेंटर (संसाधन केंद्र) बना रहा है। यहां एक आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र होगा। इसके अलावा लाइब्रेरी रहेगी जिसमें पढ़ने और पढ़ाने के तरीकों से संबंधित साहित्य रहेगा। यहां से तीनों जिलों में कराई जा रही पढ़ाई की निगरानी होगी और मार्गदर्शन दिया जाएगा।
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