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Tuesday, December 15, 2020

शिवपुरी जहान्वी शर्मा बनी एक दिन की कलेक्टर जनता की सुनी समस्याएं


 

द संस्कार न्यूज़ 15 दिसंबर 2020


जहान्वी शर्मा पुत्री ध्रुव प्रकाश शर्मा (सिरसौद  )  बनी एक  दिन की कलेक्टर सुनी जनता की समस्या अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर के पास पहुंची जहान्वी तो कलेक्टर ने उन्हें अपनी सीट पर बैठा कर कहा अब आप मेरी जगह हो आप फैसला ले आपको करना क्या है सिर्फ जानवी शर्मा ने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ शिकायत लेकर पहुंचे स्टेनो के छात्र जिनके साथ धोखाधड़ी का मामला हुआ उन्हीं छात्रों में से एक जानवी शर्मा भी थी अब जानवी शर्मा ने कहा आपकी परीक्षा होगी जरूर लेकिन तारीख अभी नहीं दे सकते क्योंकि मामला भोपाल तक भेजा जा चुका है वहां से क्या डिसीजन होगा उसके बाद मैं आपको अवगत करा दिया जाएगा

लेकिन जानवी शर्मा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा कि मैं आज शिकायत लेकर जा रही हूं मुझे की शिकायत सुनने का का मौका मिल जाएगा और मुझे कलेक्टर की कुर्सी 1 दिन के लिए मिल जाएगी यह  मुझे सपने जैसा लग रहा है


शिवपुरी (मध्य प्रदेश). देश के हर छात्र का सपना होता है कि वह कलेक्टर बन जाए। इसके लिए लाखों छात्र-छत्राएं दिन रात मेहनत भी करते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां एक 12वीं पास लड़की बिना UPSC परीक्षा पास किए कलेक्टर बन गई। इतना ही नहीं वह दिनभर लोगों की समस्याएं भी सुलझाती रही।

लड़की से प्रभावित होकर कलेक्टर ने सौंप दी अपनी कुर्सी
दरअसल, सोमवार को आईटीआई की छात्रा जाह्नवी शर्मा अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के पास पहुंची थी। जहां उसने भावुक होकर अपने संस्थान में परीक्षा देने से वंचित रह गए छात्र-छात्राओं की मदद करने की गुहार लगाई।

छात्रा का आत्मविश्वास देखकर कलेक्टर साहब प्रभावित हुए और उसे अपनी कुर्सी सौंप दी। छाज्ञा पहले तो घबराई, लेकिन जब कलेक्टर ने कहा तुम डरो मत आज एक दिन की कलेक्टर हो। सोशल मीडिया पर कलेक्टर के इस काम की खूब तारीफ हो रही है।

पूरा दिन कलेक्टर बन मामलों की सुनवाई करती रही छात्रा
बता दें कि जाह्नवी अपने साथ कुछ छात्रों को लेकर कलेक्टर के पास पहुंची थी। वह गुस्से में बोली-कलेक्टर साहब आप जिले सबसे बड़े अधिकारी हो। आप तो हमारी बात सुन लो और हमारे भविष्य को बर्बाद होने से बचा लो। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने छात्रा जान्हवी को समझाया कि तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है। आप लोग थोड़ा इंतजार कीजिए आप परीझा दे सकेंगे। तो इतने में जाह्नवी बोली-सर आप तो हमें समय सीमा दे दीजिए, की इस तारीख तक हमारे एग्जाम दे सकेंगे। बस फिर क्या था कलेक्टर अपनी कुर्सी से उठे और बोले लो आज इस पर तुम बैठो और इस पूरे मामले की सुनवाई तुम खुद करो, हम देखते हैं कैसे निर्णय लेती हो।

छात्रा ने कहा-कभी सपने में नहीं सोचा था ऐसा होगा
एक दिन का कलेक्टर बनकर जान्हवी बेहद खुश है। उसने कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन में जिले के सबसे बड़े अपसर की कुर्सी पर बैठ सकूंगी। जान्हवी का कहना है कि अब वह असल जिंदगी में कलेक्टर बनकर रहेगी। चाहे इसके लिए मुझे दिन रात मेहनत ही क्यों ना करना पड़े। हालांकि वह जो शिकायत लेकर आई थी उस पर वो फैसला नहीं ले सकी। कलेक्टर साहब ने उसे समझाया कि बेटा मेरे हाथ में परीक्षा की तारीख तय करना नहीं है। यह सब काम दिल्ली से निर्धारित होता है। नियमानुसार अबी परीक्षा की डेट नहीं है। अब आप ही इस पर अपना निर्णय लो।

इनका कहना है

ध्रुव प्रकाश शर्मा जी (सिरसौद वाले )का कहना है घर में हमारी सबसे बड़ी बेटी है और बहुत शरारती वह पढ़ने में बहुत तेज है लेकिन आज हमें सपने जैसा लग रहा है कि आज हमारी बेटी इतने प्रतिभाशाली है हमेंं आज इसका उदाहरण मिला

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