आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा जल्लाद ने की तैयारियां शबनम ने की थी 7 लोगों की हत्या - The Sanskar News

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Wednesday, February 17, 2021

आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा जल्लाद ने की तैयारियां शबनम ने की थी 7 लोगों की हत्या

7 लोगों की हत्यारी महिला को पहली बार होगी देश में फांसी, प्रेम प्रसंग में हुई थी हत्या, जल्लाद की तैयारियां पूरी 

नई दिल्ली अपने परिवार सहित मासूम बेटे कुल 7 लोगों की बेहोशी की दवा देकर कुल्हाड़ी से हत्या करने वाली प्रेम प्रसंग में उलझी शबनम को अब शीघ्र ही मथुरा स्थित जेल में फांसी दी जाएगी । वही उसका पति जिसने इस हत्या में उसका साथ दिया अभी आगरा की जेल में बंद है । शबनम अभी रामपुर जेल में बंद है एवं उसे इस मामले में फांसी की सजा हो चुकी थी जिस की अपील उस ने राष्ट्रपति से की थी और इसे खारिज किया जा चुका है । मथुरा प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में अब शबनम को फांसी देने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है एवं मेरठ में रहने वाले पवन जल्लाद ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि जेल प्रशासन द्वारा उसे बुलाया गया था एवं जो भी कमी उसे नजर आई उसे ठीक कर दिया गया है । इस मामले में जैसे ही फांसी की डेट उसे प्राप्त होगी ,, मथुरा जेल में पहुंचकर बाय शबनम को फांसी पर लटका देगा ।


प्रेमी के साथ मिलकर कुल्हाड़ी से पूरे परिवार को मार डाला था ।

 

अमरोहा के बाबनखेड़ी गांव की निवासी शबनम ने 15 अप्रैल 2008 को अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस अहमद, उसकी पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया और भाई राशिद के अलावा अनीस के 10 महीने के बेटे अर्श की हत्या कर दी थी। सभी को पहले दवा देकर बेहोश किया गया और इसके बाद अर्श को छोड़कर अन्य को कुल्हाड़ी से काट डाला था। शबनम ने अर्श का गला दबाकर उसे मारा था। जांच में पता चला था कि शबनम गर्भवती थी, लेकिन परिवारवाले सलीम से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। इसी वजह से शबनम ने प्रेमी सलीम से मिलकर पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया था।15 जुलाई 2010 को ट्रायल कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी बरकरार रखी। शबनम ने बेटे का हवाला देते हुए माफी की मांग की थी। 2015 सितंबर में न्च् के गवर्नर राम नाईक ने भी शबनम की दया याचिका याचिका खारिज कर दी थी।

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